एक नयी पहचान [ कहानी ]

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मेरी यादों की किताब बड़ी रंगीन है।कुछ खुशियों भरे दिन,कुछ बचपन की बातें।वो दोस्तों संग ठहाके,और हजारों सपने बुनती आँखें। “अरे वाह! कितनी सूंदर कविता है। ये डायरी है किसकी?” राशि ने जिज्ञासावश डायरी के पहले पन्ने को देखा। नाम लिखा था- संगीता शर्मा। “माँ की डायरी? माँ लिखती भी है!” राशि के आश्चर्य का … Read more

निर्भया, गुड़िया, दामिनी – और कितने नाम रखोगे ?

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१६ दिसम्बर २०१२ की रात मानवता पर हमेशा के लिए कालिख लगा कर चली गयी, जब दिल्ली में चलती बस में ६ लोगों ने एक २३ वर्षीय लड़की का बलात्कार किया और उसे मरणासन्न हालत में बस से बाहर फेंक दिया। हमने नाम रख दिया – ‘ निर्भया ‘ यानी बहादुर , किसी से न … Read more

दो ख्याल-एक प्रेरणादायक कविता

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नमस्कार दोस्तों। आज मैं आपलोगों के लिए एक कविता लेकर आई हूँ। ये कविता मेरे मन में उठे दो ख्यालों पर आधारित है। इसीलिए इस कविता का शीर्षक है- दो ख्याल। यह कविता आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि जीवन जीने का सही तरीका क्या है। साथ ही साथ आपको इसका समाधान भी मिल … Read more

सृजन- एक नई सोच का

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आशा अपनी कॉलोनी के पार्क में बैठी किताब पढ़ रही थी और सुहानी शाम का आनंद ले रही थी। पास ही निकुंज, उसका 7 वर्ष का बेटा, अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। आशा बीच-बीच में किताब से नज़रें हटाकर निकुंज पर ध्यान देती फिर किताब पढने लगती। अचानक से उसके कंधे पर किसी … Read more

जीवन क्या है ?

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जीवन क्या है?विपदाओं और सुयोग का जोड़ घटाव ही जीवन है । शैशव, यौवन, व्यस्क, प्रौढ़ की पेड़ी चढ़ता जीवन है । संघर्षों में आशाओं को बांधे रखना जीवन है । निराशाओं के मेघ घनेरे, पग-पग मिलना जीवन है । आत्मबल की तपती किरणों से भेद निकलना जीवन है । जो भेद कर निकल गए, … Read more

खुश कैसे रहें: खुश रहना है तो छोड़ दीजिये ये 26 आदतें

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हम खुश रहने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं । वो सब कुछ करने के लिए तैयार हैं जो हमें सिखा सके कि हम खुश कैसे रहें । पर कभी-कभी खुश रहने के लिए कुछ चीज़ें “ ना ” करने का प्रण भी लेना ज़रूरी है । तो यहां मैंने २६ ऐसी बातों की … Read more

प्रेरणा स्त्रोत की प्रतीक्षा मत करो, अपना दिया स्वयं बनो ।

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आपने मेरा पिछला ब्लॉग पोस्ट तो पढ़ा ही होगा और पढके मन में कुछ हलचल भी हुई होगी । कुछ सवाल उठे होंगे, कुछ शंका भी होंगे । क्या आपके मन में ये विचार भी उठा कि अगर हम अपने आप को ही अपना प्रेरणा स्त्रोत बना दें तो दूसरों से कुछ नहीं सीख पाएंगे … Read more

सही मायने में हमारा प्रेरणा-स्त्रोत कौन है ?

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कहते हैं कि हमारे प्रेरणा-स्त्रोत हमारे आसपास ही होते हैं । बस जरुरत है तो उसे पहचानने और समझने की । ज्यादातर ये देखने में आता है कि हम उस प्रेरणा की तलाश बाहर की तरफ करते हैं, अपने अंदर नहीं । तो मेरा सवाल ये है कि  “ हम स्वयं अपने प्रेरणा-स्त्रोत क्यूँ नहीं … Read more